बिन्दुसार का जीवन परिचय - Bindusara Biography in Hindi | Bindusar Life Story | Maurya Empire Hindi - दोस्तों हम मौर्य राजवंश के बारे में अध्ययन कर रहे थे जिसमे हमने पीछे मौर्य राजवंश के प्रथम राजा चंद्रगुप्त मौर्य के इतिहास के बारे में जाना और समझा की कैसे नंद वंश के बाद मौर्य वंश की स्थापना चन्द्रगुप्त मौर्य के हाथों से होती है। अगर आपने पीछे का अध्याय नहीं पढ़ा है तो आप यहाँ क्लिक करके पढ़ सकते है। 18.मौर्य राजवंश का इतिहास ( चक्रवती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य की जीवनी )
चंद्रगुप्त मौर्य के बाद उनके पुत्र बिन्दुसार राजा बने थे।
बिन्दुसार (राज 298 - 272 ई.पू)
पिता - चक्रवती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य
माता - दुर्धरा
पुत्र - सम्राट अशोक
मृत्यु - 272 ईसा पूर्व
बिन्दुसार को अमित्रघात, सिंहसेन्, मद्रसार तथा अजातशत्रु वरिसार भी कहा गया है। बिन्दुसार महान मौर्य सम्राट अशोक के पिता थे। इतिहास में बताया गया है की चंद्रगुप्त के बाद उनका पुत्र अमित्रोकोटिज़ उत्तराधिकारी हुआ। बिंदुसार नाम हमें पुराणों में प्राप्त होता है। चाणक्य चंद्रगुप्त के बाद भी महामंत्री बने रहें और तिब्बती इतिहासकार तारानाथ ने बताया है कि उन्होंने पूरे भारत की एकता कायम की थी।अपने पिता की भाँति बिन्दुसार भी जिज्ञासु थे और विद्वानों तथा दार्शनिकों का आदर करता थे।
बिन्दुसार ने भी कुछ राज्यों को अपने अधिकार में किया था। कुछ इतिहासकारो का कहना है की बिन्दुसार ने दक्षिणी भारत पर जीत हासिल की थी। उन्होंने अपना सम्राज्य दक्षिण की तरफ फैलाया था। अशोक के जन्म के बाद बहुत से विद्रोहो में बिन्दुसार ने अशोक को ही भेजा था। अशोक ने राज्य में उठ रहे कई बड़े - बड़े विद्रोह को शांत किया था। इस कारण हर बार अशोक को ही भेजा जाता था।
दिव्यावदान' के अनुसार तक्षशिला में हुए विद्रोह को शांत करने के लिए बिंदुसार ने वहाँ अपने लड़के अशोक को कुमारामात्य बनाकर भेजा था।
मेगस्थनीज़ का उत्तराधिकारी डाईमेकस सीरिया के सम्राट् का दूत बनकर बिंदुसार के दरबार में रहता था। प्लिनी के अनुसार मिस्र के सम्राट् टॉलेमी फ़िलाडेल्फ़स (285-247 ई. पू.) ने भी अपना राजदूत भारतीय नरेश के दरबार में भेजा था यद्यपि स्पष्ट नहीं होता कि यह नरेश बिंदुसार ही था। एथेनियस ने सीरिया के सम्राट् अंतिओकस प्रथम सोटर तथा बिंदुसार के पत्रव्यवहार का उल्लेख किया है। एक जगह यह भी उल्लेख मिलता है की बिन्दुसार को "अंजीरों और अंगूर की शराब" शोक था। जो उन्होंने अपने मित्र यूनान के राजा ऐंटिओकस से मँगवाई थीं।
पुराणों के अनुसार बिन्दुसार ने 24 वर्ष तक, किन्तु महावंश के अनुसार 27 वर्ष तक राज्य किया। डॉ. राधा कुमुद मुकर्जी ने बिन्दुसार की मृत्यु तिथि ईसा पूर्व 272 निर्धारित की है। कुछ अन्य विद्वान् यह मानते हैं। इतिहास में बिन्दुसार के जीवन से जुडी जानकारी का उल्लेख कम ही मिलता है। अगले अध्याय में हम "भारत के चक्रवती महान सम्राट अशोक" के बारे में पढ़ेंगे।
No comments:
Post a Comment